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वैश्या

Bimal Raturi
Bimal Raturi
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sex_worker_indian_tabela

वैश्या हूँ मै वैश्या…

अलग जिंदगी जीती

अपने जिस्म से खुद को पालने की कोशिश करती

पैसा तो कमाया पर इज्ज़त न कमा सकी

इज्ज़त कमाती भी कैसे???

दुनिया के सबसे इज्ज़तदार ही तो मेरे ग्राहक हैं

वो ही लूट ले जाते हैं मेरी इज्ज़त

क्या करें जीना तो है ही हमे

चाहे इन बदनाम गलियों में ही क्यूँ न जीना पड़े

सोचा न था कभी कोठे पे आउंगी

पर मेरी किस्मत मुझे यहाँ ले आई

किसी ने बेच जो दिया था मुझे यहाँ

इस मौसी के हाथों…

क्या करती ???

कहाँ जाती ???

बेबस…

लाचार…..

क़ोसिस की वापस जाने की…

पर इन इज्ज़तदारो ने ही मुझे….

समाज में मिलने न दिया

इन्होने ही मुझ से खेला था…

मेरी मासूमियत को नोचा था

खैर… अपना लिया इस धंधे को मैंने

क्या करें…

गन्दा है पर धंधा है ये…

बेटा हुआ तो भडवा(दलाल) बनेगा…

और बेटी…

मुझ जैसे ही कईयों का दिल बहलाएगी…

मुझे नहीं पता आखिरी क्या मंजिल है मेरी

पर सिर्फ इतना कहूँगी

इन इज्ज़त वालों ने इज्ज़तदार कहलाने के लिए

मेरी इज्ज़त लुटा दी

सोना  गाछी हो या जी.बी रोड

सब जगह एक ही कहानी है

चारदिवारी में कैद हमारी ये जिंदगानी है…

और जिंदगी की आखिरी रात भी हमे यहीं बितानी है

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